Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
अंग गौर Shiv chaisa शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
जन्म shiv chalisa in hindi जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी Shiv chaisa ।
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥